स्थान परिवर्तन से इन राशि के जातकों को मिलेगा गुरु का आशीर्वाद! पढ़ें गुरु बृहस्पति का धनु राशि में होने वाले गोचर का ज्योतिषीय प्रभाव।
गुरु बृहस्पति अपनी स्वराशि धनु में गोचर कर रहे हैं। जब कोई भी ग्रह अपनी राशि में गोचर करता है तो वह बली अवस्था में होता है। हालाँकि यह आवश्यक नहीं है कि बली बृहस्पति सभी राशियों को अच्छे फल प्रदान करेगा। अतः इस गोचर का प्रभाव सभी राशियों पर शुभ या अशुभ रूप में पड़ सकता है। गोचर के प्रभावों को जानने से पूर्व हम देव गुरु बृहस्पति के बारे में कुछ ज़रुरी बातें जान लेते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति एक शुभ ग्रह है। बृहस्पति ज्ञान, धर्म-कर्म के कार्य, संतान, गुरु, दान-पुण्य एवं वृद्धि आदि का कारक है। धार्मिक दृष्टि से देखें तो बृहस्पति देवताओं के गुरु हैं। इसलिए इन्हें ‘देव गुरु’ कहा जाता है। ग्रहों के मंत्रिमंडल में बृहस्पति ग्रह को मंत्री की उपाधि प्राप्त है। 12 राशियों में बृहस्पति धनु और मीन इन दो राशियों के स्वामी हैं।
बृहस्पति ग्रह कर्क राशि में उच्च के, तो मकर राशि में नीच के होते हैं। किसी भी ग्रह का उच्च अवस्था में उसके बली होने का संकेत देता है। जबकि नीच अवस्था में होने से वह पीड़ित कमजोर होता है। ज्योतिष विज्ञान में ऐसा माना जाता है कि कुंडली में चंद्रमा लग्न में गुरु की दृष्टि अमृत समान होती है।
यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में गुरु की स्थिति शुभ नहीं हो तो जातक को इससे संबंधित कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उसके जीवन में वृद्धि थम जाती है। व्यक्ति के नैतिक मूल्यों का ह्रास हो जाता है। इसके व्यक्ति को शारीरिक कष्ट के साथ शादी-विवाह में भी परेशानियाँ आती हैं। अतः इन सभी बचने के लिए गुरु ग्रह की शांति के उपाय करने चाहिए और कुंडली में गुरु की स्थिति को मजबूत करना चाहि।
गुरु ग्रह की शांति के उपाय
गुरुवार के दिन केले के वृक्ष की पूजा करें।
गुरुवार को पीले वस्त्र धारण करें।
पाँच मुखी रुद्राक्ष पहनें
गुरु यंत्र को विधि अनुसार स्थापित कर उसकी पूजा करें।
बृहस्पति के बीच मंत्र का जाप करें - ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः
गोचर की समयावधि
बृहस्पति ग्रह का धनु राशि में गोचर 5 नवंबर 2019 को मंगलवार के दिन 00:03 बजे होगा। इसके बाद 29 मार्च 2020 को रविवार रात्रि 19:08 बजे तक गुरु ग्रह धनु राशि से मकर राशि में गोचर करेगा।
मेष
शुभ ग्रह बृहस्पति आपकी राशि से नवम भाव में गोचर करेंगे। बृहस्पति आपके नवम भाव के स्वामी होने के साथ-साथ आपके द्वादश भाव के भी स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपको अपने कर्मों का अच्छा फल अवश्य मिलेगा, नौकरी पेशा से जुड़े लोगों को….आगे पढ़ें
वृषभ
देव गुरु बृहस्पति का गोचर आपकी राशि से अष्टम भाव में होगा। इस भाव को आयुर भाव भी कहा जाता है। इस भाव से हम जीवन में आने वाले उतार चढ़ावों और अचानक से होने वाली घटनाओं के बारे में विचार करते हैं। अष्टम भाव में….आगे पढ़ें
मिथुन
गुरु ग्रह का गोचर आपकी राशि से सप्तम भाव में होगा। गुरु ग्रह आपके सप्तम और दशम भाव के स्वामी हैं। सप्तम भाव को विवाह भाव भी कहा जाता है और इससे जीवन में होने वाली साझेदारियों के बारे में पता चलता है। इस गोचरीय काल में….आगे पढ़ें
कर्क
बृहस्पति देव का गोचर आपकी राशि से षष्ठम भाव में होगा। काल पुरुष की कुंडली में यह स्थान कन्या राशि का होता है और इससे रोग आदि के बारे में विचार किया जाता है। षष्ठम भाव में गुरु के उपस्थित होने से आपको स्वास्थ्य संबंधी ….आगे पढ़ें
सिंह
बृहस्पति देव का गोचर आपकी राशि से पंचम भाव में होगा। पंचम भाव को संतान भाव भी कहा जाता है और इससे आपके विद्या और ज्ञान के बारे में भी विचार किया जाता है। गुरु का यह गोचर आपके लिए लाभदायक साबित होगा। सामाजिक स्तर….आगे पढ़ें
कन्या
दर्शन, धर्म और ज्ञान के कारक ग्रह बृहस्पति का गोचर आपकी राशि से चतुर्थ भाव में होगा। आपके चतुर्थ भाव के साथ-साथ बृहस्पति आपके सप्तम भाव के भी स्वामी हैं। चौथे भाव को सुख भाव भी कहा जाता है और इससे आपके मातृ पक्ष पर भी….आगे पढ़ें
तुला
देव गुरु बृहस्पति का गोचर आपकी राशि से तृतीय भाव में होने जा रहा है। आपके तृतीय भाव के साथ-साथ बृहस्पति आपके षष्ठम भाव के भी स्वामी है। तीसरे भाव में गुरु ग्रह की उपस्थिति आपके लिए लाभदायक नहीं कही जा सकती। इस दौरान….आगे पढ़ें
वृश्चिक
बृहस्पति ग्रह का गोचर आपकी राशि से द्वितीय भाव में होगा। इस भाव को धन भाव भी कहा जाता है। गुरु ग्रह की आपके द्वितीय भाव में स्थिति आपको अच्छे फल दिलाएगी। इस गोचरीय काल में आपका आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। यदि आपने….आगे पढ़ें
धनु
बृहस्पति देव आपकी राशि यानि आपके लग्न भाव में गोचर करने वाले हैं। आपके लग्न भाव के साथ-साथ देव गुरु आपके चतुर्थ भाव के भी स्वामी हैं। आपके प्रथम भाव में गुरु का गोचर आपके लिए शुभ रहेगा। जीवन के हर क्षेत्र में इस समय भाग्य….आगे पढ़ें
मकर
गुरु ग्रह का गोचर आपकी राशि से द्वादश भाव में होगा। आपके द्वादश भाव के साथ-साथ बृहस्पति आपके तृतीय भाव के भी स्वामी हैं। द्वादश भाव में गुरु के गोचर से आपको लंबी दूरी की यात्राओं पर जाना पड़ सकता है। यह यात्राएं काम के….आगे पढ़ें
कुंभ
बृहस्पति देव का गोचर आपकी राशि से एकादश भाव में होगा। इस भाव को लाभ भाव भी कहा जाता है। गुरु का आपके एकादश भाव में होना आपको कई क्षेत्रों में अच्छे फल दिवाएगा। सबसे पहले बात करें स्वास्थ्य की तो आप इस दौरान स्वस्थ रहेंगे….आगे पढ़ें
मीन
बृहस्पति देव आपकी राशि और आपके दशम भाव के स्वामी हैं। बृहस्पति देव का गोचर आपकी राशि से दशम भाव में होगा। दशम भाव को वैदिक ज्योतिष में कर्म भाव भी कहा जाता है। यह समय आपके लिए अच्छा रहेगा। नौकरी पेशा से जुड़े….आगे पढ़ें
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